बुधवार, 5 दिसंबर 2012

कॉलेज स्कूल से संबन्धित वार्तालाप


अध्याय १६
आज कॉलेज / स्कूल मे होने वाली कुछ बातचीत यहाँ पेश की जा रही है। इस रूप मे पढे
गढ़वाली-कुमाऊँनी-हिन्दी-अँग्रेजी

१.
म्यार कॉलेज सुबेर 8 बजी शुरू हून्द 
म्योर कॉलेज रत्ते आठ बाजी बटी लागों।
मेरा कालेज सुबह 8 बजे शुरू होता है
My college starts at 8.00 am

२.
म्यार कालिज / स्कूल नैनीताल कोटद्वार मा च।
म्योर कॉलेज/ इस्कूल नैनताल/कोटद्वार में छ।
मेरा कॉलेज /स्कूल नैनीताल /कोटद्वार मे है।
My college/ school is in Nainital /kotdwar.

३.
म्यार कॉलेज कि कैंटीन मा बड़िया चाय मिलद। 
म्यार कॉलेजेकी केन्टीन में भौत भलि चहा मिलन छ।
मेरे कॉलेज कि कैंटीन में बहुत अच्छी चाय मिलती है।
My college canteen serves good tea.

४.
मी कॉलेज बस मा जान्दू।
मै कॉलेज बस में जाँ ।
मैं कालेज बस से जाता हूँ।
I go to the college by bus.

५.
हम ५-६ दगड्या, दगड़ी कॉलेज जंदा।
हम 5-6 दगडू दगड़-दगड़ कॉलेज जानू ।
हम 5-6 दोस्त एक साथ कॉलेज जाते है।
We 5-6 friends go together to the college.

६.
हमर कॉलेज कु नाम ............... च।
हमर कॉलेजक नाम -------------छ।
हमारे कालेज का नाम ......... है
Our college name is ..........

७.
यू हमर क्षेत्रु कु सबसे बड़ू कॉलेज च।
यो हमर क्षेत्रक सबन है ठुल कॉलेज छ।
यह हमारे क्षेत्र का सबसे बड़ा कालेज है।
This is biggest college in our region.

८.
हमर कॉलेज/इस्कूल मा एक सांस्कृतिक विभाग भी च।
हमर कॉलेज/इस्कूल में एक सांस्कृतिक विभाग लै छ।
हमारे कालेज /स्कूल मे एक सांस्कृतिक विभाग भी है।
In our college, we have separate cultural section.

९.
ये कॉलेजक लाइब्रेरी मा ८००० से ज्यादा किताब छन।
यो कॉलेजेकि लाइब्रेरी मणी 8000 है ज्यादे पुस्तक छन।
इस कालेज की लाइब्रेरी मे 8000 से अधिक पुस्तक है ।
In the college library, there are more than 8,000 books.

१०.
चला कैंटीन जोला।
चलौ हो कैण्टीन में जानू।
चलो कैंटीन मे चलते है।
Let’s go to the canteen.

११.
आज अँग्रेजी क द्वी पीरियड छन।
आज अन्ग्रेज़िक द्वी पीरियड छन।
आज अँग्रेजी के दो पीरियड है।
Today we have two periods for English.

१२.
मीते इस्कूल बटी उजीफ़ा मिलदू।
मकें इस्कूल बटी उजिफ मिलों।
मुझे स्कूल से उजीफ़ा मिलता है।
I get scholarship from college.

१३.
मीते विज्ञाने की मास्टनी/मास्टर जी [गुर जी ] सबसे अच्छू लग्दीन।
मकैं विज्ञानेक अध्यापिका/अध्यापक सबन है भलि लागें /भल लागनी।
मुझे विज्ञान की अध्यापिका/अध्यापक सबसे अच्छी लगती /लगते है ।
I like science teacher the most.

१४.
इस्कूल क प्रधानाचार्य ही हमते हिन्दी विषय पढsदिन।
इस्कूलक प्र्धानाचार्ये हमन कें हिंदी विषय पढूनी।
स्कूल के प्रधानाचार्य ही हमे हिन्दी विषय पढ़ाते है।
School principal teaches us Hindi subject.

१५.
आज क्वी लेक्चर नी च, चला सिनेमा दिखण कु जौला।
आज कोई लेक्चर नी हाँती, हिटो सिनेमा देखण हूँ जानू।
आज कोई लेक्चर नही है, चलो सिनेमा देखने चलते है।
Today we have no lectures, let’s go to see movie.

१६.
तुम कीं क्लास मा पढणा छन/छौं?
तुम को क्लास में पढ़न छा?
तुम किस कक्षा मे पढ़ते हो
In which class do you read?

१७.
आप के बरसा क विद्यार्थी छन अर आप क्या विषय पढदिन।
आपूं को बरसाक छात्र छा और आपूं को विषय पढ़न छ?
आप किस वर्ष के छात्र है और आप कौन सा विषय पढ़ते है?
In which year you are and what are your subjects?

१८.
हमर कालेज /इस्कूल मा नौना अर नौनी द्वी पढदिन।
हमर कॉलेज/इस्कूल में छात्र/छात्रा द्वीये पढनी।
हमारे कालेज/स्कूल छात्र /छात्राए दोनों पढ़ते है।
In our college/school, girls and boys both study.

१९.
ये साल 'बरस हमर कालेज/इस्कूल न नृत्य प्रतियोगिता जीती।
यो बरस हमर कॉलेजल/इस्कूलल नृत्य प्रतियोगिता जिती।
इस वर्ष हमारे कालेज / स्कूल ने नृत्य प्रतियोगिता जीती है।
This year our college won dance competition.

२०.
हमर कालेज मा सब्बी किस्म क विद्यार्थी छन अर क्वी भेदभाव नी हून्द।
हमर कॉलेज में सब्बे किसमक विद्यार्थी ऊनी और कोई भेदभाव नी हुन।
हमारे कॉलेज मे सभी तरह के विद्यार्थी आते है और कोई भेदभाव नही होता है।
In our college we have students from all the societies and there is no discrimination.

२१.
म्यार कॉलेज मा इस्कूल क कई दग्ड्यो न दगड़ी दाखिला ले [ल्याइ]।
म्यार कॉलेज में इस्कूलक कतुकै दोस्तनल एक दगड़ दाखिल ले।
मेरे कालेज मे स्कूल के कई मित्रो ने एक साथ दाखिला लिया।
Many of our school mates have taken admission in my college.

२२.
वू भोल/परबात पौणेक कारण कोलेज नी आणू।
ऊ भोल झरपर हुनाक कारण कॉलेज नी औल।
वह कल दावत होने के कारण कॉलेज नहीं आयेगा।
He will not come to college tomorrow because of party.


सहयोगकर्ता : रामचन्द्र पंत जी,  सुमन थपलियाल जी एवं हिमांशु करगेती जी 

उत्तराखंड की भाषा आप ते अपना संस्कृति क दगड़ जुडदी!

रविवार, 18 नवंबर 2012

मुहावरे व लोकक्तियाँ - गढ़वाली व कुमाऊँनी मे [भाग २]


मुहावरे व लोकक्तियाँ - गढ़वाली व कुमाऊँनी मे बहुत सी है यहाँ दूसरे भाग मे भी १० -१० मुहावरे व लोकक्तियों को बताया जा रहा है  - हिन्दी अर्थ या भावार्थ के साथ और जहां संभव हो पाया वहाँ अँग्रेजी मे भी दिया जाएगा। [ इससे पहले के भाग १ को इस लिंक मे देखिये http://uttarakhandiwords.blogspot.com/2012/10/blog-post_29.html] 

गढ़वाली

११. दिबतौ की मार न खबर न सार।
देवताओं के न्याय का पता न हल।
a judgement from GOD, one can not go against it or no one have any soultion
[भावार्थ : किसी भी घटना या हानि का होना, बिना किसी जानकारी और उसका समाधान निकाले बिना हो जाना]

१२. जब मांगो तब भोल। जब मांगो तब कल।
when ever asked he/she will say tomorrow
[भावार्थ : जब भी अपने पैसे मांगो तो उसका जबाब होता है कल दूंगा - मतलब वादे से मुकरना (विश्वासघात) ]

१३. जै की लद्वाड़ि लगी आग,उ क्या खुज्योलो साग।   
जिसको भूख लगती वह सब्जी नही ढूंढता।
[भावार्थ- भारी भूख लगने पर सुखी रोटी भी स्वादिष्ट लगती है]

१४. पढ़ायो-लिखायो जाट, सोला दूनी आठ।  
पढ़ाया-लिखाया जाट सोलह दूना आठ।
[भावार्थ- मंदबुध्दि को कितना भी सिखावो, वह कुछ भी ग्रहण नहीं कर पाता]

१५. खेती वैको जैको चैनों चमेलो।   
खेती उसी की होती जिसको चमेली चाहिए।
[भावार्थ- भरे पुरे परिवार वाला व्यक्ति ही सफलतापूर्वक कृषि कार्य कर सकता है]

१६. सट्टी दडकिन भग्यान का, ग्युं दडकिन निर्भागी का।   
धान के खेतों में दरारे भाग्यशालियों की, गेहूं के खेत में अभागों की।
[धान के पौधों के साथ मिट्टी की पपड़ी जमना अच्छा माना जाता है, जबकि गेहूँ के लिए उपयुक्त नहीं है]

१७. घ्वीड़ थें चाँठु प्यारु।   
घुरल/भरल (उत्तराखंड के जंगलो में पाया जाने वाला जानवर) को ऊँचे पठार प्यारे।
[भावार्थ- सबको अपना घर/देश प्यारा लगता है]

१८. जे गौं जाणु नी, वेको बाटू किले पुछण। 
जिस गाँव जाना नहीं, उसका रास्ता क्यों पूछना।
[अनावश्यक वार्ता करने से कोई लाभ नहीं होता]

१९. बुज्या कु बाघ। 
झाड़ी को बाघ।
[भावार्थ-भ्रम होने पर झाड़ी भी बाघ कि तरह दिखाई देती है]

२०. नादान कु दगडू जी को जंजाल। 
नादान से दोस्ती जी का जंजाल।
[भावार्थ- अयोग्य/अपात्र व्यक्ति से काम करवाने पर मुसीबत हो सकती है]



कुमाऊँनी

११. पहाड़ि कि नै सौ रुपया कि
a hill man's NO is worth of hundred rupees
पहाड़ के रहने वाले व्यक्ति की ना का मतलब ना होता है चाहे उसे आप कितनी कीमत दे दो [ जितना भी लुभा लो ]

१२. पुण्य रेख में मेख मारंछू।
श्रद्धा पूर्वक किया गया कार्य आपके बिगड़े भाग्य को बदल सकता है
meritorious acts drive a nail into the line of evil destiny. 

१३.जैक पाप, उवीक छाप।
चोर की दाढ़ी मेँ तिनका। 
(चोर कितना भी होशियार हो पर कुछ सुराग तो छोड़ ही देता है। )
Guilty Conscious Pricks the Mind. 

१४.पाणी मा लकाड़ मारि बेर, पाणीक द्वी नी हुन।
(जिस तरह पानी को लकड़ी से मारकर दो नहीँ बना सकते वैसे ही) सच्चाई को कभी नहीँ झुठलाया जा सकता। 
Truth can never die.

१५.छै च्याल नौ नाती, फ़िर लै बुड़ बागैल खायान।
एक आदमी के छः लड़के व नौ नाती थे तब भी सबको बाघ ने खा लिया अर्थात सावधानी रखने के बाद भी नुकसान होना।Loss, even after careful consideration

१६.जामनै बठे (बै) कामन।
किसी का शुरु से ही कमजोर होना (बिगड़ना) आज की पीढ़ी के कुछ लोग जामनै बठे (बै) कामन होने से अपनी उत्तरखंडी संस्कृति को भुला बैठे हैं।
Being spoiled.

१७.भ्यैर बठे बैन बेर की ह्यौल जब मुख मा मैलाक ढिण छन।
जब मन मेँ ही मैल भरा हुआ हो तो बाहर से अच्छा बनने का नाटक करके क्या होगा? (मतलब दिखावे का कोई फायदा नहीँ।)
Good on the outside but bad from inside.


१८. तात्तऍ खूं जल मरुँ।
जल्दबाजी में काम बिगाड़ना

१९. लगण बखत हगण।
आखिरी मौके पर हडबडाना

२०.. खालि छै ब्वारि, बल्दौक पुछड़ कन्या।
चैन से न बैठने देना


[सहयोग कर्ता ; महेंद्र सिंह राणा हिमांशु करगेती एवं रामचन्द्र पंत]

उत्तराखंड की भाषा आप ते अपना संस्कृति क दगड़ जुडदी!

सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

मुहावरे व लोकक्तियाँ - गढ़वाली व कुमाऊँनी मे [भाग १]



मुहावरे व लोकक्तियाँ - गढ़वाली व कुमाऊँनी मे बहुत सी है यहाँ हर भाग मे १० -१० मुहावरे व लोकक्तियों को बताया जाएगा  - हिन्दी अर्थ व भावार्थ के साथ और जहां संभव हो पाया वहाँ अँग्रेजी मे भी दिया जाएगा। 

गढ़वाली 

१. जख बिलि नी तख मूसा नचणु। 
जहां बिल्ली नही वहाँ चूहे नाच रहे।
where there is no cat mice dance.
[भावार्थ: जहां नियंत्रण नही होता वहाँ हम गलत कार्य कर सकते है। ]

२. थोडि जगा गिलो आटो 
थोड़ी से जगह और आटा गीला [यानि कंगाली मे आटा गीला]
narrow quarters and thin gruel.
[ हालात बाद से बदतर होने पर ]

३. खाली हथ मुखमा नी जांदु 
खाली हाथ मुँह में नही जाता।
an empty hand[with no food] does not go into the mouth.
[भावार्थ: बिना पैसे(फल) के कोई काम नही करता ]

 ४. जखि देखि तवा-परात, वखि बिताई सारी रात.
जहाँ देखा तवा परात, वहीँ गुजारी सारी रात।
[भावार्थ-अपनी सुविधानुसार स्वार्थ सिद्ध करना]

५.जु नि धोलु अपनौं मुख,ऊ क्या देलो हैका सुख.  
जो अपना मुँह [चेहरा] नहीं धोता, वो दूसरों को क्या सुख देगा.
[भावार्थ- जो अपना कार्य स्वयं न कर सके वह दूसरों का क्या हित करेगा]

६. तिमला-तिमलो खत्या, नंग्या-नन्गी द्यख्या.
सारे तिमला [एक फल] भी गिर गए, नंगे भी दिख गए.
[भावार्थ- हानि के साथ-साथ सम्मान भी खो देना]

७. टका न पैसा, गौं-गौं भैंसा. 
रूपये न पैसे, गाँव-गाँव भैंसे.
[भावार्थ- आर्थिक रूप से दुर्बल होने पर भी सम्पनता के सपने देखना]

८. अफू चलदन रीता, हैका पढोंदन गीता.
अपने आप चलते खाली, दूसरों को पढ़ाते गीता.
[भावार्थ- स्वयं ज्ञान न होने पर भी दूसरों को ज्ञान बाँटना]

९. सौण सूखो न भादो हेरो । 
न सावन सूखा न भादों हरा ।
neither sawan is dry nor bhado is green
[भावार्थ : दो चरित्रो के क्रूरता पूर्वक रवैये को दर्शाते हुये ]

१०. लेणु एक न देणु द्वी। 
न एक लो न दो किसी को दो
neither take one, nor pay back two
[भावार्थ :यह एक सीख है कि ना एक किसी से (पैसे उधार लेना] न उसको दो देना पड़ेगा यानि ब्याज भी नही देना पड़ेगा]

कुमाऊँनी 

१.हुने छा: एक सपक , ना हुने छा: सो सपक 
बनने वाला मट्ठा(छा:छ) एक बार में ही बन जाता है और ना बनने वाला सो बार में भी नहीं
[भावार्थ: होने वाला काम एक बार में ही हो जाता है ]

२.जे खुट त्याढ़ ह्वाल वो भयो पडल.
जिसके पाँव टेड़े होते हैं वो गड्ढे में ही गिरेगा
[भावार्थ: जो जैसा होगा वैसा ही फल पायेगा ]

३.बुद्धि आलि अपुन घर ,रीस आलि पराय घर .
बुद्धि होगी तो अपने घर ,गुस्सा आये तो पराये घर
[भावार्थ: बुद्धिमान अपने घर में गुस्सा नहीं दिखाते ]

४.ना ग्ये अल्माड ,ना लाग गलमाड .
[भावार्थ:घर से बाहर जाकर ही हकीकत पता लगती है ]

५. कयो बीज लेन लगाय ,चेल खान खाने आय 
कयो(छोटा मटर ) का बीज लेने बच्चे को भेजा तो वो बीज को  खाते खाते आया
[भावार्थ:"लापरवाही" के लिए ये मुहावरा प्रयोग किया जाता है  ]

६. सौ ज्यू गुड़ खावौ लेख लेख लेख 
सर जी गुड खाओ, लिख, लिख, लिख देना
welcome sir eat some treacle, write, write, write it down.
[यह कहावत बनियों/व्यापारियों के लिए है जो प्यार से बुलाते कर कहते है आओ गुड खाओ लेकिन अपने मुनीम को कहते है की जो खाया सब लिख देना हिसाब मे ]

७. रूप रीश नै, कर्म बांटो नै 
किसी के रूप से जलन नही, न किसी के कर्म बाँट सकते
no one should envy another's fair countenance, and no one can share another's fate
[आप को किसी की खूबसूरती से जलन नही करनी चाहिए यह ठीक वैसा ही है जैसे की आप किसी के कर्म नही बाँट सकते ]

८. घुरुवा को पिसू,घुरुवा को तेल सबनी द्वी-द्वी ,
घुरुवा को देडघुरू ले लात हाणी ,घिंघारू घेड़ 
सब कुछ कोई करे और अंत में उसी की पूछ ना हो
अर्थ: ये गावों में प्रचलित एक किस्सा है घुरुवा (आदमी का नाम) जिसका की आटा और तेल दोनों था,पुरिया तलने पर सब को २-२ मिली और उसे सिर्फ देड(१ और १/२)और उसे लात मार कर घिंघारू के घेड़ (झाड) में फैक दिया ...... ये तब प्रयोग होती है जब

९. लेखो पल पल को लिजी जालो 
पल पल का किया लिखा जाता है।
every moment will have to be accounted for
भावार्थ : भगवान का न्याय हर कार्य पर होता है

१०. खेल खेलारि को घोड़ो सवार को 
plays are for players and horses are for riders
खेल को खिलाड़ी खलेते है और घोड़े पर घुड़ सवार बैठते है अर्थात चीजे उनके लिए ही होती है जो उसका प्रयोग करना जानते है और कैसे नियंत्रण करना होता है।


[सहयोग - महेंद्र सिंह राणा / कौशल उप्रेती /प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल ]

उत्तराखंड की भाषा आप ते अपना संस्कृति क दगड़ जुडदी!

मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

ध्वनि का बोध कराते शब्द



आज के अध्याय मे ध्वनि का बोध कराते हुये कुछ शब्द आपके लिए। इस रूप मे पढे
गढ़वाली
कुमाऊँनी
हिन्दी

१.
खमणाट: भांड़ो ते आराम से धारा किले खमणाट करना छ्याओ।
खणबड़्याट: भाणान कै आरामले (सजैके) रख्या किला खणबड़याट करनौ छा।
बर्तनो के टकराने की आवाज़: बर्तनो को आराम से रखो क्यों इतनी आवाज कर रहे है।

२.
खिकताट: खिकताट सरील[स्वास्थ्य] कुण अच्छु हून्द।
खिलबिलाट: खिलबिलाट स्वास्थ्य खिन भल हुँछ।
खुल कर हँसना: खुल कर हँसना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

३.
किकलाट: किकलाट नी कारा।
किलकिलाट: किलकिलाट जन कर।
शोर[जो ज़ोर ज़ोर से बोलने से होता है]: शोर मत करो।

४.
खिकचाट:खिकचाट अछू नी हुंद ।
खिचखिच्याट (खिचर्योल):खिचखिच्याट भल न हुँछ ।
बेकार की हंसी: बेकार मे हँसना अच्छा नही होता। 

५.
छिछुयांट: इख त छिछुयांट सुणेणु च।
छिड़बिड़ाट: यां त छिड़बिड़ाट सुणाइ दिने छी।
पानी के ऊंचाई से गिरने की आवाज: यहाँ तो पानी के (ऊंचाई से) गिरने की आवाज सुनाई दे रही है।

६.
चटकताल: गुर जी की चटकताल पूरी कक्षा मे गूंजी गे।
च्याट: मस्सापकी च्याट सार कक्षा माँ गुंजि गैथि।
थप्पड़  की आवाज़: अध्यापक के थप्पड़  की आवाज़ पूरी कक्षा में गूंज गयी।

७.
धै: मीन धै लगे पर केनी नी सूणी।
धत्याण (धर्यान): म्यार धत्याण (धर्यान) कैस ले नी सुणी ।
ज़ोर से आवाज़ लगाना: मेरा ज़ोर से आवाज़ लगाना किसी ने भी नहीं सुना 

८.
घुङ्घ्याट: तुमर गाड़ी क घुङ्घ्याट दूर बटी पछणे जांद।
घुर्रघुरयाट: तुमारी गाड़ी कि घुर्रघुरयाट दूर बठे पछाणी जांछि।
मोटर चलने की आवज: तुम्हारी गाड़ी की आवाज़ दूर से पहचानी जाती है।

९.
बबड़ाट: मी वूँ कुण कुछ बुल्दू त वू बबड़ाट करदिन
बड़बड़ाट: मी उइथें कि कुनु त उ बड़बड़ाट करछ ।
बड्बड़ाना: मैं उससे कुछ कहूँ तो वह बड्बड़ाहट करता है 

१०.
भणाक:भणाक सूणी क इन लग जन क्वी लमड़ गे हवालों ।
भणाम: भणाम सुणिबेर यस लाग्यो जस के खिती ग्योछ ।
दूर से किसी आवाज़ का सुनना: येसी आवाज आई की लगा कुच्छ गिर गया हो।

११.
दमणाट: दमणाट सुणी की मेर नींद खुली गे।
दड़मणाट: दड़मणाट सुणी बेर म्यार नींद टूटि गै।
बारिश/ओले या फल के गिरने की आवाज़:बारिश/ ओले या फल के गिरने की आवाज़ सुनकर मेरी नींद टूट गयी।

१२.
छमणाट: रुसड़ बटी रूटी बणाद बगत छमणाट सुणेणु छ्याई।
छणमण्याट: रसोई बठे रुआटि बनूना बखत छणमण्याट सूणाई दिनेरिथि।
गहने /चूड़ियो की आवाज़: रसोई से रोटी बनाते हुये चूड़ियो की आवाज़ सुनाई दे रही थी।

१३.
घमणाट: सुबेर पुंगड़ो बटी बल्दो क गलउंद बंधी घंटी कु घमणाट सुणेंद ।
घण्मणाट: रात्त गाड़ान बठे घण्मणाट ऊनी छि ।
बैलो या जानवरो मे बंधी घंटी की आवाज़: सुबह खेतों से बैलो मे बंधी घंटी की आवाज़ आती है

१४.
कणाट:वे पर कांडु चुबी गे तबी कणाट करनू च।
किरियाट: उवीस काण बुड़ गयो यालिए किरियाट करणो छ।
कराहने की आवाज़कणाट: उसे काँटा चुभ गया इसलिए कराहने की आवाज़ कर रहा है।

१५.
च्युंच्याट: अबी मूसो क च्युंचाट सुणेणु छ्याई।
चकच्याट: ऐल मुसान कि चक्च्याट सुणाई दिनेरिथि।
चूहे व चिड़ियों की आवाज़: अभी चूहों की आवाज़ सुनाई दे रही थी।


सहायक : हिमांशु करगेती / महेंद्र सिंह राणा

~उत्तराखंड की भाषा आप ते अपना संस्कृति क दगड़ जुडदी ~

शुक्रवार, 6 जुलाई 2012

कुछ शब्द और वाक्य प्रयोग - भाग ५




on the way, रास्ते में, बाट मा, बाट मे - रास्ते मे बातचीत किस तरह से होती है उसका उदाहरण इन वाक्यों मे लिखा है सीखने का प्रयास करे। [ अगर आप जानते है और कहीं गलती हो तो जरूर बताए ठीक करने का प्रयत्न करेंगे]

इस क्रम मे पढे
english
हिन्दी
गढ़वाली
कुमौनी

Excuse me, could you tell me the way to the station, please?
माफ कीजिएगा, क्या आप मुझे स्टेशन जाने का रास्ता बता सकते है, आपकी कृपा होगी?
माफ करियाँ, क्या आप मिथै [मीते] स्टेसन जाणा कु रस्ता बता सकदिन क्या, आपक किरपा होलि?
माफ करा [करिया], क्या आप मकै स्टेसन जनि बाट बतै सक छा, आपुक किरपा ह्वोलि?

Excuse me, I'm looking for a Hotel. Can you guide me?
माफ कीजिएगा, मैं एक होटल ढूंढ रहा हूँ। क्या आप बता सकते है?
माफ करियाँ, मी होटल ढूंढ्णु छौं। क्या आप बते सकदिन?
माफ करा [करिया], मि यक होटल चान्यु छौं। क्या आप मैकें बतै सक छा?

How far is it from the temple to the station?
मंदिर से स्टेशन कितनी दूरी पर है?
मंदिर बटी स्टेसन कथुक [कथका] दूर च?
मंदिर बटी स्टेसन कतुक दूर छ?

Is it far from the temple to the station?
क्या मंदिर से स्टेशन बहुत दूर है?
क्या मंदिर बटी स्टेसन भौत दूर च?
क्या मंदिर बटी स्टेसन भौत दूर छ?

It takes about 10 minutes by bus.
बस से जाने मे आपको 10 मिनट लगेंगे।
बस मा जाण मा 10 मिंट लगला[लगल]।
बस म जाण मा दस मिनट लागल।

It's a 10-minute walk.
बस 10 मिनट पैदल का रास्ता है।
बस 10 मिंटा कु पैदल क बाटू च।
बस 10 मिंटोंक पैदल बाट छु।

The station is within walking distance.
स्टेशन तो आप चल कर जा सकते है।
स्टेसन त आप चली [हिटी] कन जे सकदिन।
स्टेसन त आप हिटी बैर जै सक छा।

What's the best way to the market?
बाज़ार जाने के लिए कौन सा रास्ता सबसे अच्छा है।
बाजार जाणा कु सबसे बढ़िया रस्ता को च [ कु ह्वालो]।
बजार जनाक लिजी कु व्ल बाट बड़िया छ?

Where is the nearest bus stop?
सब से नजदीक बस स्टॉप कौन सा है।
सबसे नजीक बस अड्डा को च [कख च]।
सबु हेबेर नजीक बस अड्ड कु व्ल छ?

Where is the next bus stop?
अगला बस स्टॉप कहाँ पर है?
अगिल बस अड्डा कख च [कखम च]?
अगिन बस अड्ड कां छ?

Which village you have to go?
आपको कौन से गाँव जाना है?
आपते के गौं जाण?
आपौं कै गाउँ जाण छ?

I have to go to ...... ...
मुझे ........ गाँव जाना है
मीते [मिथे/मीन]....... गौं जाण।
मकें ....... गाउँ जाण छ।

what other villages I will see on the way.
मुझे रास्ते मे और कौन से गाँव मिलेंगे?
मिथे[मीते ] रस्ता मा कु कु गौं प्वाडल [मिलल]।
मकें बाट मे को-को गाउँ मिलाल?

is there any other way to go there?
क्या वहाँ जाने के लिए कोई और रास्ता है?
क्या उख जाणा कु और क्वी रस्ता बी च।
क्या वां जनाक लिजी क्वै ओर बाट छ?

Thanks a lot for your help.
मदद के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
आपक मदद कु वास्ता भौत भौत धनेबाद।
मददे लिज आपुक भौत-भौत धनेबाद।


सहयोग कर्ता: महेंद्र सिंह राणा

उत्तराखंड की भाषा आप ते अपना संस्कृति क दगड़ जुडदी!

शुक्रवार, 29 जून 2012

कुछ शब्द और वाक्य



आज आपके साथ कुछ शब्द और वाक्य प्रस्तुत कर रहे है जो दैनिक जीवन और आमतौर पर प्रयोग करते है। [इस रूप मे पढे ]

english
हिन्दी
गढ़वाली
कुमाऊँनी

speak: speak something
बोलो: कुछ तो बोलो
ब्वाला /बोला: कुच्छ त ब्वाला।
बुलाव / बुआल: क्यै त बुलाव

Listen: Pls listen to me.
सुनो : कृपया मुझे सुनिये।
सूणा: मेर बी सूण ल्यावा।
सूणी: मैँस ले सूणी / सुणया

walk: let's walk
चलो: चलो चलेँ
हिटा: चला हिटी ल्यूला/ल्यावा
हिटा: हिटो हिटनू

down: get down
नीचे: तुम नीचे उतरो।
भियाँ: भ्वीं /भियाँ उतरा।
तली: तली/ तल्नी उतरऽ

move fast : don't stand, move fast
जल्दी चलो: खड़े मत रहो जल्दी चलो।
सरासर चला[हिटा] : खड़ नी ह्वाआ सरासर चला [हिटा]
सरासर हिटो: ठाऽड़ झन रौ सरासर हिटो

blessings: with your blessings
कृपा: आपकी कृपा के साथ
किरपा: आपक किरपा क दगड़ी [आपेकी किरपा च]।
किरपा: आपुक किरपाक दगाड़।

thanks: thanks for being here.
शुक्रिया: आपका यहाँ आने का शुक्रिया।
धनेबाद: आपक इख आणा कू धनेबाद ।
धनेबाद: आपुक इखम आणक धनेबाद।

know: I don't know.
जानता: मैं नही जानता।
जणदू: मी नी जणदू [ मीते नी पता]
जाणू: मि नि जाणू / जाणनू

nice: it's nice
अच्छा : अच्छा है।
अच्छू : अच्छू च
भल्ल: भल्ल छ।

excuse: excuse me.
क्षमा: मुझे क्षमा करे।
माफ : मीते माफ करयान/करेन।
माफ: मेसें माफ करी

sit: sit here
बैठ: यहाँ बैठिए।
बैठ: इखम बैठा।
बस: यती बस।

fine: everything is fine at home.
कुशल मंगल: घर मे सब कुशल मंगल है।
राजि-खुसि: घोर [डेरा ] मा/मू सब राजि -खुसि छन
भल: ड्यार म सब भल हेरी।

village: it's beautiful village.
गाँव: ये बहुत सुंदर गाँव है।
गौं: यू भौत सुंदर गौं च।
गाउँ: यू गाउँ भौत भल्ल छ।

say: what did you say?
कहा[कहना]: क्या कहा तुमने[आपने] ?
बोलि/ब्वाल [ब्वालि] : क्या बोलि/ब्वालि तिन [आपण]?
ब्वालनो : क्यॆ ब्वालनो छा तुम[आप]?

welcome: you are welcome.
स्वागत: आपका स्वागत है।
स्वागत: आपक स्वागत च।
स्वागत: आपुक स्वागत छ।

no problem.
कोई बात [समस्या] नही ।
क्वी बात नी च ।
क्वे बात नै ।

You also say something.
आप [तुम] भी कुछ बोलो।
आप [तुम] भी कुछ ब्वाला [ बोली ल्यावा]
आप [तुम] ले क्यै बुआल

you are doing good job.
आप अच्छा कार्य कर रहे है।
आप अच्छु काम कना छन।
आप भल्ल काम करनो छा।

I will also try.
मैं कोशिश करूंगा।
मी कोसिस करलू।
मी कोसिस करूँल।

you visit my page.
आप मेरे पन्ने पर आयें।
आप म्यार पन्ना पर एन।
आप म्यार पन्ना पर आया।

just leaving.
बस निकल रहे है / बस चलने वाले है ।
बस अभी निकलण वॉल छ्वां /बस चलण वॉल [वला] छंवा
बस निकलण व्ल छन /बस जाण (जान्या) व्ल छन।




सहयोग कर्ता [ हिमांशु करगेती, महेंद्र सिन्हा राणा, कौशल उप्रेती  एवं दर्शन सिंह जी ]

उत्तराखंड की भाषा आप ते अपना संस्कृति क दगड़ जुडदी!

मंगलवार, 12 जून 2012

कुछ जुड़े हुये शब्द

हिन्दी मे जिस तरह शब्द -युग्म होते है उसी तरह कुमाऊँनी गढ़वाली मे भी अक्सर प्रयोग होते है। चलिये कुछ एक येसे शब्दो से आपका परिचय करा दूँ। हाँ इस क्रम मे पढे 
कुमाऊँनी 
गढ़वाली 
हिन्दी 
अँग्रेजी 


गंज-मंज : ते काम में नी करून त्वेल किले को की वू सब गंज-मंज कर दिनी। 
गंज-मंज: वै मा काम नी करा येन तुम किले कि वू सब गंज -मंज केर दीन्द।
अव्यवस्था : उससे तुम काम मत करवाना क्योंकि वह सब अव्यवस्थित कर देगा।
muddle: Don't ask him to do any work, he will muddle everything.

माठु-माठ : चल द्वे जाण माठु-माठ करी उकाल चढ़ लूँला। 
ठंडु - मठु : चल द्वी जण ठंडु - मठु करी की उकाल चेढ़ ल्यूला।
धीरे धीरे : चलो हम दोनों जन धीरे - धीरे इस ऊंचाई पर चढ लेंगे
slowly : we both will climb this height slowly.

यों-ब्यों : किलै म्यार यों-ब्यों रिटणु?
ऐथर- पैथर: किलै छे म्यार ऐथर- पैथर रिटणु?
आगे - पीछे : मेरे आगे पीछे क्यों घूम रहे हो ?
forth & back: why are you walking forth & back of me :

इनै - उनै : तुई इनै - उनै के देखन लगरे छै?
इनै - उनै : तु इनै - उनै क्या दिखणी छै ?
इधर - उधर : तुम इधर - उधर क्या देख रहे हो ?
here & there :what you are looking here and there.

अंट - संट: अंट - संट खायी बेल पेटुक गड़बड़ कर दिले अपुन ।
अंट - संट : अंट - संट ख्याई की पुटक गड़बड़ कर दु भै अपरू ।
बेकार चीजे [कबाड़] : ये कबाड़ खाना खाने से अपना पेट गड़बड़ करता है
junk : bro my stomch get upaset after eating junk food.

जन्न - कन्न: चल भया तु पौंछी गे छ: ब्य़ा मा जन्न - कन्न करी बेल। 
जन्न - कन्न : चल भै तु पौंछी गे ब्यो माँ जन्न - कन्न केरी की भी।
जैसे - तैसे : चल भाई अच्छा किया तूने की शादी मे पहुंच गया जैसे तैसे कर के
somehow: Brother its good that somehow you reach to attend marriage.

ऐं- उं : ज्यादा ऐं- उं न कर ,चुप-बेरी खाण खा ले 
कै - बै : ज्यादा कै - बै नी कारा तुम चुपचाप खाणा ख्या ल्यावा ...
बेकार बात: तुम बेकार की बाते मत करो चुपचाप खाना खा लो
stupid talk: don't talk stupid just eat food quitely.

झर - फर: देय्खो ब्य़ा केक छू और इत्तू झर -फर कै ले मचा रखी।
झर - फर : द्याखों द्दी ब्यो च केक अर झर - फर कैकि च मचई...
चहल - पहल : देखो तो शादी है किसकी और चहल - पहल किसने मचा रखी है
razzle - dazzle: see who is getting married and who is creating razzle-dazzle.

बड़ -बुजुर्ग : बड़ -बुजुर्गनक् बात सदेनी जीवन मा काम आणि 
दानो - स्याणों : दानों स्याणों की बुलि बात सदेनि जीवन मा काम अन्दिन।
बड़े - बूढ़े [बुजर्ग]: बड़े - बूढ़ो की कही बाते हमेशा जीवन मे काम आती है
Elders: saying of elders always helps us in life.

चिट्टी -पातिर : है राजू बड़े दिन बेठी राम सिंह ले कोई चिट्टी -पातिर नि भेजी 
रंत - रैबार : हे राजू बिंडी दिन बटि राम सिंह न कवी रंत रैबार नी भेजी।
संदेश : हे राजू बहुत दिनों से रामसिंह ने कोई संदेश नही भेजा।
message: hey Raju its long since Ramsingh did not send any msg.

साग-सम्बन्धी: उत्तेराखंड म हुन वाल म्याल माँ जाण बठी अपुन सार साग-सम्बन्धी मिल जाणी। 
सोति - गोति : उत्तराखंडा म हूण वॉल म्यालों मा जाण से अपर [अपण] सभी सोति - गोति मिल जंदीन।
सगे - संबंधी : उत्तराखंड मे होने वाले मेलो मे जाने से अपने सभी सगे संबंधी मिल जाते है।
Close relatives: We meet our close realtives when we go to visit the fairs in Uttarakhand.

सहयोग कर्ता : कौशल उप्रेती 

उत्तराखंड की भाषा आप ते अपना संस्कृति क दगड़ जुडदी!
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