मंगलवार, 4 नवंबर 2014

~पौणे - दावत - Party से संबन्धित वाक्य ~



[ अध्याय १९ ] भाग -९  कुछ शब्द और वाक्य प्रयोग
~पौणे - दावत - Party से संबन्धित वाक्य ~

१. चला भात खाणा कुण
१. आ हो भात खान खिन जानूँ
१. आओ दावत खाने चले.
1. let's go and eat[rice] in party

२. ब्यो बारात मा पौणे खाणा कु आनंद त आंद ही चा पर पंडो नचणा कु मज़ा ही कुछ और चा
२. शादी ब्या मेँ दावत खानाक आनंद त ऊणूइ छ अर नाचणाक ले मजा कुछ औरे हुँछ.
२. शादी ब्याह मे दावत खाने का आनंद तो आता ही है लेकिन 'पंडो' नाचने मे मज़ा ही कुछ और है
2. in marriages we love eating food but enjoyment of dancing [pando] is something else.

३. ब्यो मा झर फर भलु लगदू
३. ब्या ले झर-फर,भोते भाल लगुन
३. शादी कि भीड़ बहुत आनंदित करने वाली लगती है
3. The crowed of wedding seems to delightful

४. 'ब्यो',  'नामकरण', 'मुंडन' जन शुभ अवसर पर पौणे कु रिवाज च.
४.  'ब्या'  'नवान', 'मुंडन',आदि कै लैगे शुभ अवसर मेँ दावत को रिवाज छ.
४.  शादी , नामकरण , मुंडन जैसे शुभ अवसरों पर दावत का आयोजन किया जाता है.
4.  In marriages, naming ceremony, Mundan like ocassion we  through parties.

५. पैली ता सरयूल बणान्दा..छाई खाणु अजक्याल हलवाई बनन्दीन।
५. पैली त सरयूल बनूँथ्या खानो अच्याल हलवाई बणूनान।
५. पहले तो सरयूल बनाते थे खाना, आजकल हलवाई बनाते है ।
5. In yesteryear a special cook known as SARYOOL used to cook the rice , now the task is done by halwaai's .

६. अचकाल त पोणे क खाणा होटल मा बणदू वैमा पलक तरां लखड़ो मा बन्यू खाणsक स्वाद कख च.
६. अच्याल त दावत को खाण होटल मेँ बणछ जैमेँ पैलीक लकाड़ान क चूल मेँ पकाइनाक खाण जस स्वाद काँछ.
६. आजकल तो दावत का खाना होटल मेँ बनता है जिसमेँ पहले की तरह लकड़ी के चूल्हे मेँ बनाये गये खाने सा स्वाद कहाँ!
6. Now a days food for party is cooked in hotel, but it does not have the taste as it is used to be food cooked in wooden fire.

७. घार- गौं माँ आज भी ''पत्तल '' मा और'' पंगत '' म बैठि कि खये जांद.
७. घर- गौं माँ आज लैगै ''पत्तल '' मेँ अर ''पंगत'' मा बस बेर खाये जाँछ.
७. गाँव में आज भी पंक्तिबद्द बैठकर ..पत्तल में परोसा जाता है।
7. All people sit in a queue called ''pangat ' and their plates are made of leaves called ''pattals '', food is served in these pattals .

८. पैली सबी मिल जुली कन भेर गोल्लेई मा बैठी की बड़ा तोल्यू मा बणयूं खाणा खंड छयाई जे मा बहुत स्वाद हूंद छयाई.
८. पैली सबै जन मिल जुलि बेर आँगन मेँ गोलकै बस बेर गुड़ तौलान मेँ पाकिनाक दाल-भात खान भ्या जैमेँ भौते स्वाद थ्यो
८. पहले सभी लोग मिलजुल कर आँगन मेँ गोलाकार पंक्ति मेँ बैठ कर बड़े तौलोँ मेँ पके खाने को खाते थे जिसमेँ बहुत स्वाद था.
8. Earlier people used to sit in round and eat the food which was made in Big Vesels, it used to be tasty.

९. पौणे मा अपड़ा - वीराणा सबी मिल जन्दिन, सब्युन का हाल -चाल पता चैल जन्दिन.
९. पौणे मेँ अपन - पराय सब्बै मिलि जानान, सबक खबर - बात मिल जाँछी.
९. दावत में अपने - पराये सभी मिल जाते हैं, सब के हाल चाल मालूम हो जाते हैं .
9. We meet all the kith and kin in the party and whereabouts of all people can be ascertained

१०. ब्यो कि दावत मा न्यूतेरों(करीबी रिश्तेदार) को स्वागत खे ब्यो से पैली एक दिन हूंद !
१०. ब्याकि दावत 'पौण पाछि' कै स्वागत खिन ब्या है एक दिन पैली हुँछि !
१०. विवाह के भोज में न्यूतेर (करीबी रिश्तेदार ) के स्वागत हेतू विवाह से एक दिन पहले का दिन निर्धारित होता है
10. In a wedding function one day prior to the marriage is allotted for the welcoming of 'nyuter' close realtives.

 ( हिमांशु करगेती जी एवं निखिल उत्तराखंडी का धन्यवाद अनुवाद हेतू )




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