आज के अध्याय मे ध्वनि का बोध कराते हुये कुछ शब्द आपके लिए। इस रूप मे पढे
गढ़वाली
कुमाऊँनी
हिन्दी
१.
खमणाट: भांड़ो ते आराम से धारा किले खमणाट करना छ्याओ।
खणबड़्याट: भाणान कै आरामले (सजैके) रख्या किला खणबड़याट करनौ छा।
बर्तनो के टकराने की आवाज़: बर्तनो को आराम से रखो क्यों इतनी आवाज कर रहे है।
२.
खिकताट: खिकताट सरील[स्वास्थ्य] कुण अच्छु हून्द।
खिलबिलाट: खिलबिलाट स्वास्थ्य खिन भल हुँछ।
खुल कर हँसना: खुल कर हँसना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
३.
किकलाट: किकलाट नी कारा।
किलकिलाट: किलकिलाट जन कर।
शोर[जो ज़ोर ज़ोर से बोलने से होता है]: शोर मत करो।
४.
खिकचाट:खिकचाट अछू नी हुंद ।
खिचखिच्याट (खिचर्योल):खिचखिच्याट भल न हुँछ ।
बेकार की हंसी: बेकार मे हँसना अच्छा नही होता।
५.
छिछुयांट: इख त छिछुयांट सुणेणु च।
छिड़बिड़ाट: यां त छिड़बिड़ाट सुणाइ दिने छी।
पानी के ऊंचाई से गिरने की आवाज: यहाँ तो पानी के (ऊंचाई से) गिरने की आवाज सुनाई दे रही है।
६.
चटकताल: गुर जी की चटकताल पूरी कक्षा मे गूंजी गे।
च्याट: मस्सापकी च्याट सार कक्षा माँ गुंजि गैथि।
थप्पड़ की आवाज़: अध्यापक के थप्पड़ की आवाज़ पूरी कक्षा में गूंज गयी।
७.
धै: मीन धै लगे पर केनी नी सूणी।
धत्याण (धर्यान): म्यार धत्याण (धर्यान) कैस ले नी सुणी ।
ज़ोर से आवाज़ लगाना: मेरा ज़ोर से आवाज़ लगाना किसी ने भी नहीं सुना
८.
घुङ्घ्याट: तुमर गाड़ी क घुङ्घ्याट दूर बटी पछणे जांद।
घुर्रघुरयाट: तुमारी गाड़ी कि घुर्रघुरयाट दूर बठे पछाणी जांछि।
मोटर चलने की आवज: तुम्हारी गाड़ी की आवाज़ दूर से पहचानी जाती है।
९.
बबड़ाट: मी वूँ कुण कुछ बुल्दू त वू बबड़ाट करदिन ।
बड़बड़ाट: मी उइथें कि कुनु त उ बड़बड़ाट करछ ।
बड्बड़ाना: मैं उससे कुछ कहूँ तो वह बड्बड़ाहट करता है
१०.
भणाक:भणाक सूणी क इन लग जन क्वी लमड़ गे हवालों ।
भणाम: भणाम सुणिबेर यस लाग्यो जस के खिती ग्योछ ।
दूर से किसी आवाज़ का सुनना: येसी आवाज आई की लगा कुच्छ गिर गया हो।
११.
दमणाट: दमणाट सुणी की मेर नींद खुली गे।
दड़मणाट: दड़मणाट सुणी बेर म्यार नींद टूटि गै।
बारिश/ओले या फल के गिरने की आवाज़:बारिश/ ओले या फल के गिरने की आवाज़ सुनकर मेरी नींद टूट गयी।
१२.
छमणाट: रुसड़ बटी रूटी बणाद बगत छमणाट सुणेणु छ्याई।
छणमण्याट: रसोई बठे रुआटि बनूना बखत छणमण्याट सूणाई दिनेरिथि।
गहने /चूड़ियो की आवाज़: रसोई से रोटी बनाते हुये चूड़ियो की आवाज़ सुनाई दे रही थी।
१३.
घमणाट: सुबेर पुंगड़ो बटी बल्दो क गलउंद बंधी घंटी कु घमणाट सुणेंद ।
घण्मणाट: रात्त गाड़ान बठे घण्मणाट ऊनी छि ।
बैलो या जानवरो मे बंधी घंटी की आवाज़: सुबह खेतों से बैलो मे बंधी घंटी की आवाज़ आती है
१४.
कणाट:वे पर कांडु चुबी गे तबी कणाट करनू च।
किरियाट: उवीस काण बुड़ गयो यालिए किरियाट करणो छ।
कराहने की आवाज़कणाट: उसे काँटा चुभ गया इसलिए कराहने की आवाज़ कर रहा है।
१५.
च्युंच्याट: अबी मूसो क च्युंचाट सुणेणु छ्याई।
चकच्याट: ऐल मुसान कि चक्च्याट सुणाई दिनेरिथि।
चूहे व चिड़ियों की आवाज़: अभी चूहों की आवाज़ सुनाई दे रही थी।
सहायक : हिमांशु करगेती / महेंद्र सिंह राणा
~उत्तराखंड की भाषा आप ते अपना संस्कृति क दगड़ जुडदी ~
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